सऊदी अरब का मुकल्ला पर हवाई हमला: यमन में तनाव बढ़ा
सऊदी अरब ने किया हवाई हमला
नई दिल्ली: सऊदी अरब ने मंगलवार की सुबह यमन के मुकल्ला शहर पर हवाई हमले की पुष्टि की है। सऊदी अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई वहां पहुंची एक हथियारों की खेप को नष्ट करने के लिए की गई, जो संयुक्त अरब अमीरात से आई थी और इसे यमन के अलगाववादी समूह साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल के लिए भेजा गया था। सऊदी अरब ने इसे एक सीमित सैन्य अभियान के रूप में वर्णित किया है।
हथियारों की खेप का स्रोत
सऊदी अरब की सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार, यूएई के फुजैरा बंदरगाह से दो जहाज मुकल्ला पहुंचे थे। इन जहाजों से उतारे गए हथियारों को क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा माना गया। इसके बाद, सऊदी वायुसेना ने लक्षित हमले के माध्यम से इन हथियारों को नष्ट किया। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप सऊदी अरब और यूएई समर्थित एसटीसी के बीच तनाव में वृद्धि हुई है।
Saudi Arabia says it bombs Yemen port city of Mukalla over shipment of weapons for separatists that arrived from UAE, reports AP
— Press Trust of India (@PTI_News) December 30, 2025
हमले का कारण
मुकल्ला पर क्यों हुआ हमला?
मुकल्ला, यमन के हदरमौत प्रांत में स्थित है और हाल ही में यह साउदर्न ट्रांजिशनल काउंसिल के नियंत्रण में आया है। यह शहर अदन से लगभग 480 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है, जो लंबे समय से हूती विद्रोहियों के खिलाफ लड़ने वाली ताकतों का मुख्य केंद्र रहा है।
विश्लेषकों की राय
विश्लेषकों ने क्या बताया?
विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला केवल हथियारों को निशाना बनाने तक सीमित नहीं था, बल्कि इसे एसटीसी के लिए एक कड़ा संदेश भी माना जा रहा है। पिछले शुक्रवार को भी सऊदी अरब ने हदरमौत और महरा क्षेत्रों में हवाई हमले किए थे, जो एसटीसी को आगे बढ़ने से रोकने और कब्जाए गए क्षेत्रों से पीछे हटने की चेतावनी के रूप में देखे गए।
एसटीसी ने पहले ही इन क्षेत्रों से सऊदी समर्थित नेशनल शील्ड फोर्सेज को बाहर कर दिया है। संगठन के समर्थक पुराने दक्षिण यमन के झंडे लहराते हुए नजर आ रहे हैं, और हाल के प्रदर्शनों में दक्षिण यमन की स्वतंत्रता की मांग उठाई जा रही है।
सऊदी अरब और यूएई के रिश्तों पर प्रभाव
सऊदी अरब और यूएई के रिश्तों पर क्या पड़ा असर?
इन घटनाओं ने सऊदी अरब और यूएई के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है। दोनों देश ओपेक में सहयोग करते हैं और रणनीतिक साझेदार माने जाते हैं, लेकिन यमन में उनके हित अलग-अलग हैं। इसके अलावा, सूडान में भी दोनों खाड़ी देशों द्वारा विभिन्न गुटों को समर्थन देने के कारण तनाव की स्थिति बनी हुई है। यूएई की ओर से इस हमले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
