सऊदी अरब में बस दुर्घटना: 42 भारतीयों की जान गई
दर्दनाक सड़क हादसा
सोमवार की सुबह, सऊदी अरब के मदीना के निकट एक भयानक सड़क दुर्घटना ने पूरे देश को हिला दिया। मक्का से मदीना की ओर जा रही एक यात्री बस एक डीजल टैंकर से टकरा गई, जिससे बस में आग लग गई। इस हादसे में कम से कम 42 भारतीय नागरिकों की जान चली गई, जिनमें से अधिकांश तेलंगाना के हैदराबाद के निवासी थे। बस में सवार 43 यात्रियों में से केवल एक व्यक्ति को बचाया जा सका, जो अब इलाज के लिए अस्पताल में है। यह घटना भारतीय समयानुसार लगभग 1:30 बजे हुई, जब यात्री सो रहे थे।
हादसे के बाद की स्थिति
हादसे के बाद के वीडियो में बस को जलते हुए देखा गया, जबकि फायर ब्रिगेड और रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं। मृतकों में 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल हैं। ये यात्री 9 नवंबर को हैदराबाद से उमराह यात्रा पर गए थे और मक्का में इबादत के बाद मदीना लौट रहे थे। यह समूह अल-मक्का ट्रेवल्स द्वारा संचालित था। मृतकों के रिश्तेदारों का हाल बेहाल है।
प्रधानमंत्री का संवेदनशील संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मदीना में भारतीय नागरिकों से जुड़े हादसे से बेहद दुखी हूं। उन परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं जिन्होंने अपनों को खोया। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। रियाद में हमारा दूतावास और जेद्दा में वाणिज्य दूतावास हर संभव मदद दे रहे हैं।'
सरकारी सहायता और हेल्पलाइन
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी शोक व्यक्त किया और कहा कि दूतावास पूरी तरह से सहयोग कर रहा है। जेद्दा में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने 24x7 कंट्रोल रूम स्थापित किया है। हेल्पलाइन नंबर: 8002440003 (टोल फ्री), 0122614093, 0126614276, 0556122301। रियाद दूतावास और सऊदी हज-उमराह मंत्रालय के साथ समन्वय किया जा रहा है। तेलंगाना सरकार ने भी त्वरित कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने दिल्ली अधिकारियों को अलर्ट किया और एमईए व सऊदी दूतावास से समन्वय के निर्देश दिए।
स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दुख व्यक्त करते हुए दूतावास अधिकारियों से बात की। उन्होंने शवों को जल्द लाने और घायलों का इलाज सुनिश्चित करने की अपील की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र से राज्यों के साथ मिलकर राहत देने का अनुरोध किया। विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद ने भी सहायता की मांग की। अब शवों की पहचान और भारत लाने का कार्य तेजी से चल रहा है। सऊदी अधिकारियों ने रेस्क्यू पूरा कर लिया है।
