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सिडनी के बोंडी बीच पर आतंकी हमले का नया खुलासा

सिडनी के बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले में भारतीय नागरिक साजिद अकरम और उनके बेटे नावीद अकरम की संलिप्तता का खुलासा हुआ है। इस हमले में 15 लोगों की जान गई और 42 अन्य घायल हुए। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों की प्रतिक्रिया।
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सिडनी के बोंडी बीच पर आतंकी हमले का नया खुलासा

सिडनी में बोंडी बीच पर हुए हमले की जानकारी


नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले के संबंध में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। फिलीपींस के इमिग्रेशन ब्यूरो ने बताया कि इस हमले में मारे गए 50 वर्षीय साजिद अकरम भारतीय नागरिक थे। साजिद अकरम और उनके 24 वर्षीय बेटे नावीद अकरम ने यहूदी समुदाय के हनुक्का समारोह के दौरान अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 15 लोगों की जान गई और 42 अन्य घायल हुए।


साजिद अकरम का पृष्ठभूमि

फिलीपींस इमिग्रेशन विभाग की प्रवक्ता डाना सैंडोवाल ने जानकारी दी कि साजिद अकरम भारतीय नागरिक होने के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया के स्थायी निवासी भी थे। उन्होंने बताया कि साजिद और नावीद अकरम 1 नवंबर 2025 को सिडनी से फिलीपींस पहुंचे थे और दावाओ को अपना अंतिम गंतव्य बताया था। इसके बाद, वे 28 नवंबर 2025 को मनीला होते हुए वापस सिडनी लौटे।


ऑस्ट्रेलियाई गृह मंत्री की टिप्पणी

हमले के दौरान पुलिस के साथ मुठभेड़ में साजिद अकरम की मौत हो गई, जबकि नावीद अकरम घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं और पुलिस की निगरानी में हैं। ऑस्ट्रेलियाई गृह मंत्री टोनी बर्क ने बताया कि साजिद अकरम 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया आए थे और बाद में 2001 में पार्टनर वीजा लिया। इसके बाद, उन्होंने रेजिडेंट रिटर्न वीजा के माध्यम से कई बार विदेश यात्रा की।


भारत के विदेश मंत्री से बातचीत

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने इस हमले के संदर्भ में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से चर्चा की। उन्होंने हमले की जानकारी दी और जांच की स्थिति के बारे में बताया। पेनी वोंग ने कहा कि यहूदी विरोध, हिंसा और आतंकवाद के लिए दुनिया में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर इस हमले पर गहरा दुख व्यक्त किया और ऑस्ट्रेलिया को भारत का पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया।


प्रधानमंत्री का बयान

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि पिता और पुत्र दोनों इस्लामिक स्टेट से प्रभावित थे। उन्होंने बताया कि दोनों का कट्टरपंथ की ओर झुकाव धीरे-धीरे बढ़ा। अधिकारियों ने बताया कि उनके पास वैध हथियार लाइसेंस था और उन्होंने कानूनी रूप से कई बंदूकें खरीदी थीं।