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सिडनी में आतंकवादी हमले ने दुनिया को हिलाकर रख दिया

सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए एक भयानक आतंकवादी हमले ने 15 लोगों की जान ले ली। हमलावर साजिद अकरम, जो 1998 में हैदराबाद से ऑस्ट्रेलिया आया था, के कट्टरपंथी बनने की पृष्ठभूमि और परिवार से उसके टूटे रिश्तों की कहानी जानें। इस हमले की जांच में पुलिस ने कई महत्वपूर्ण तथ्य उजागर किए हैं।
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सिडनी में आतंकवादी हमले ने दुनिया को हिलाकर रख दिया

सिडनी में आतंकवादी घटना

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बॉन्डी बीच पर हुए एक भयानक आतंकवादी हमले ने वैश्विक समुदाय को झकझोर दिया है। इस हमले में 15 लोगों की जान गई। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि हमलावर साजिद अकरम 1998 में भारत के हैदराबाद से ऑस्ट्रेलिया आया था।


कट्टरपंथी बनने की पृष्ठभूमि

तेलंगाना पुलिस के अनुसार, साजिद अकरम के कट्टरपंथी बनने के पीछे भारत या स्थानीय संदर्भ का कोई संबंध नहीं है। उसके परिवार ने कई साल पहले उससे संबंध तोड़ लिया था।


हैदराबाद से ऑस्ट्रेलिया की यात्रा

साजिद अकरम ने 1998 में छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश किया और वहीं स्थायी रूप से बस गया। वह हैदराबाद के पुराने शहर का निवासी था। भारत में रहते हुए उसके खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। पिछले 27 वर्षों में, वह केवल छह बार भारत आया, जो यह दर्शाता है कि उसका भारत से संपर्क बहुत सीमित था।


परिवार से संबंधों का टूटना

परिवार के सदस्यों और स्थानीय स्रोतों के अनुसार, साजिद ने एक ईसाई महिला से विवाह किया, जिसके बाद उसके परिवार ने उससे सभी संबंध समाप्त कर दिए। उसके भाई ने बताया कि साजिद ने पिता की मृत्यु के समय भी भारत आने की आवश्यकता नहीं समझी। उसकी बीमार मां के बारे में भी उसने कभी पूछताछ नहीं की, जिससे पारिवारिक दूरी और बढ़ गई।


हमले की भयावहता

यह हमला सिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी समुदाय द्वारा हनुक्का पर्व के दौरान हुआ। साजिद अकरम और उसके बेटे नवीद अकरम ने भीड़ पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस घटना में 10 साल की एक बच्ची और 87 वर्षीय होलोकॉस्ट सर्वाइवर सहित 15 लोगों की जान गई। इसे ऑस्ट्रेलिया में पिछले 30 वर्षों का सबसे घातक आतंकवादी हमला माना जा रहा है।


पुलिस की कार्रवाई और जांच

हमले के बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें साजिद अकरम मारा गया, जबकि उसका बेटा नवीद गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में भर्ती है। तेलंगाना पुलिस ने स्पष्ट किया कि इस कट्टरपंथी सोच के पीछे भारत से कोई नेटवर्क या स्थानीय प्रभाव नहीं मिला है। ऑस्ट्रेलियाई एजेंसियां हमले के अंतरराष्ट्रीय पहलुओं की जांच कर रही हैं।


नागरिकता और पहचान

साजिद अकरम के पास अभी भी भारतीय पासपोर्ट था, जबकि उसके बेटे और बेटी, जो ऑस्ट्रेलिया में जन्मे हैं, ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं। उसने यूरोपीय मूल की ईसाई महिला वेनेरा ग्रोसो से विवाह किया था। अधिकारियों के अनुसार, पारिवारिक अलगाव और सामाजिक दूरी ने उसके जीवन को एक अलग दिशा में मोड़ दिया, जो इस भयानक हमले का कारण बना।