Newzfatafatlogo

सिडनी में हनुक्का उत्सव के दौरान आतंकी हमला: 15 की मौत

सिडनी के बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकी हमले ने 15 लोगों की जान ले ली, जिसमें 87 वर्षीय एलेक्स क्लेटमैन भी शामिल थे। एलेक्स ने अपनी पत्नी को बचाने के प्रयास में अपनी जान गंवाई। इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया में सुरक्षा व्यवस्था और यहूदी-विरोधी खतरों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। जानें इस त्रासदी के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।
 | 
सिडनी में हनुक्का उत्सव के दौरान आतंकी हमला: 15 की मौत

सिडनी में हनुक्का उत्सव पर हुआ दिल दहला देने वाला हमला


ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में स्थित बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान एक आतंकवादी हमले ने कई लोगों को झकझोर दिया। इस घटना में 15 व्यक्तियों की जान चली गई, जिनमें 87 वर्षीय एलेक्स क्लेटमैन भी शामिल थे।


एलेक्स क्लेटमैन का साहसिक प्रयास

एलेक्स ने नाजी जर्मनी के होलोकॉस्ट का सामना किया था और एक नई जिंदगी की तलाश में ऑस्ट्रेलिया आए थे। लेकिन आतंकवाद की इस घटना ने उनकी जान ले ली, जब उन्होंने अपनी पत्नी को बचाने की कोशिश की।


गोलियों की आवाज से मची भगदड़

रविवार को, जब यहूदी समुदाय हनुक्का पर्व मना रहा था, अचानक गोलियों की आवाज सुनाई दी। इस अफरा-तफरी में एलेक्स ने अपनी पत्नी लारिसा को बचाने के लिए खुद को आगे कर लिया और गोलियों का शिकार हो गए।


पत्नी के लिए बलिदान

लारिसा क्लेटमैन, जो स्वयं होलोकॉस्ट से बची हैं, ने बताया कि एलेक्स ने जानबूझकर खुद को उनके सामने कर लिया। उन्होंने कहा कि एलेक्स ने उन्हें ढाल की तरह ढक लिया, जिससे गोलियां उन्हें लगीं। इस दंपती की कहानी ने पूरे ऑस्ट्रेलिया को हिला दिया है।


एलेक्स का संघर्ष और यात्रा

एलेक्स क्लेटमैन एक यूक्रेनी यहूदी थे, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमानवीय परिस्थितियों का सामना किया। नाजी शासन से बचने के बाद, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में नई शुरुआत की और अपने अनुभवों को यहूदी केयर संगठनों के साथ साझा किया।


हमले के अन्य पीड़ित और आतंकवादी

इस हमले में एक 10 वर्षीय बच्ची, एक युवा फ्रांसीसी पर्यटक और एक रब्बी सहित कुल 15 लोगों की जान गई। लगभग 40 लोग घायल हुए, जिनमें बच्चे और पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि हमलावर पिता-पुत्र थे, जिनकी पृष्ठभूमि पाकिस्तानी थी।


सुरक्षा व्यवस्था पर उठते सवाल

इस हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। एक हमलावर पहले से ही इस्लामिक स्टेट से कथित संबंधों के कारण सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में था। प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लगभग 20 मिनट तक प्रभावी कार्रवाई नहीं की।