हमास ने गाजा शांति प्रस्ताव को किया अस्वीकार, कहा- यह फिलिस्तीनियों के अधिकारों का उल्लंघन है
गाजा पर हमास का विरोध
नई दिल्ली: गाजा पर नियंत्रण रखने वाले हमास ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पेश किए गए उस प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया है, जिसमें अमेरिका द्वारा तैयार की गई डोनाल्ड ट्रम्प की गाजा शांति योजना का समर्थन किया गया है और गाजा पट्टी में अंतरराष्ट्रीय बल की तैनाती का प्रावधान है.
प्रस्ताव का विरोध
हमास ने कहा कि यह प्रस्ताव फिलिस्तीनी लोगों की राजनीतिक और मानवीय आवश्यकताओं को नजरअंदाज करता है और गाजा पर एक प्रकार का अंतरराष्ट्रीय ट्रस्टीशिप थोपता है, जिसे फिलिस्तीनी किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं करेंगे.
फिलिस्तीनी अधिकारों की अनदेखी
हमास ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि संयुक्त राष्ट्र का यह नया प्रस्ताव फिलिस्तीनी लोगों की बुनियादी राजनीतिक और मानवीय मांगों को पूरा नहीं करता है. उनका कहना है कि यह प्रस्ताव गाजा में चल रहे संकट को समझने में असफल है और जमीनी जरूरतों को अनदेखा करता है. संगठन ने इसे फिलिस्तीनी अधिकारों के खिलाफ बताया और कहा कि यह स्थानीय नेतृत्व और जनता की आवाज को कमजोर करता है, जो किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है.
अंतरराष्ट्रीय बल की तैनाती पर आपत्ति
हमास की सबसे बड़ी आपत्ति गाजा में अंतरराष्ट्रीय बल की तैनाती को लेकर है. उनका कहना है कि यह बल फिलिस्तीनी समूहों को निरस्त्र करने का कार्य करेगा, जो सीधे तौर पर फिलिस्तीनी प्रतिरोध को समाप्त करने जैसा है. हमास के अनुसार, यह कदम उनकी सुरक्षा और स्वशासन पर हमला है और गाजा की स्वतंत्रता को कमजोर कर सकता है. संगठन ने इसे क्षेत्रीय राजनीति में बाहरी हस्तक्षेप करार दिया.
अंतरराष्ट्रीय ट्रस्टीशिप का विरोध
हमास ने आरोप लगाया कि यह प्रस्ताव गाजा पर एक प्रकार का 'अंतरराष्ट्रीय ट्रस्टीशिप' थोपने जैसा है, जिसे न तो जनता, न स्थानीय संगठन और न ही राजनीतिक समूह स्वीकार करेंगे. बयान में कहा गया कि यह व्यवस्था फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय के अधिकार के खिलाफ है. हमास ने जोर देकर कहा कि गाजा पर शासन करने का अधिकार केवल फिलिस्तीनियों का है और उनका संघर्ष किसी भी स्थिति में नहीं रुकेगा.
संयुक्त राष्ट्र में मतदान और वैश्विक प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस प्रस्ताव पर मतदान हुआ, जिसमें 15 में से 13 देशों ने इसके पक्ष में वोट दिया. रूस और चीन ने मतदान से दूरी बनाई, लेकिन उन्होंने वीटो नहीं किया. अमेरिका ने इस प्रस्ताव को 'ऐतिहासिक और रचनात्मक' बताया और कहा कि यह ट्रम्प की प्रस्तावित शांति योजना को मजबूत करता है, जिसका उद्देश्य भविष्य में फिलिस्तीनी राज्य के लिए मार्ग प्रशस्त करना है.
ट्रम्प योजना और फिलिस्तीनी राज्य का भविष्य
अमेरिका द्वारा तैयार मसौदा गाजा में अंतरराष्ट्रीय बल की तैनाती, सुरक्षा ढांचे में बड़े बदलाव और एक नए राजनीतिक रोडमैप की बात करता है. योजना का दावा है कि यह भविष्य में फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण का मार्ग खोल सकता है. लेकिन हमास का कहना है कि यह योजना वास्तविक समस्या को हल करने के बजाय फिलिस्तीनियों की आवाज और अधिकारों को कमजोर करती है और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा.
