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हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर नई डॉक्यूमेंट्री ने भारत-कनाडा संबंधों में नया मोड़ लाया

हाल ही में जारी एक डॉक्यूमेंट्री ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत और कनाडा के बीच विवाद को नया मोड़ दिया है। इसमें ब्रिटिश जासूसी एजेंसी द्वारा इंटरसेप्ट की गई कॉलों का जिक्र है, जो कनाडाई अधिकारियों को भारत से जुड़े संभावित लिंक की जानकारी देती हैं। डॉक्यूमेंट्री में अवतार सिंह खंडा की संदिग्ध मौत और गुरपतवंत सिंह पन्नू के साक्षात्कार का भी उल्लेख है। यह विवाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को बढ़ा रहा है। जानें इस मामले की पूरी कहानी।
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हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर नई डॉक्यूमेंट्री ने भारत-कनाडा संबंधों में नया मोड़ लाया

भारत और कनाडा के बीच विवाद में नया मोड़


नई दिल्ली: हाल ही में रिलीज हुई एक डॉक्यूमेंट्री ने भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि ब्रिटिश जासूसी एजेंसी द्वारा इंटरसेप्ट की गई कॉलों के माध्यम से कनाडाई अधिकारियों को भारत से जुड़े संभावित लिंक का पता चला था।


जीसीएचक्यू की भूमिका

डॉक्यूमेंट्री 'Inside the Deaths That Rocked India’s Relations with the West' के अनुसार, इन कॉलों को एक ब्रिटिश खुफिया एजेंसी ने पकड़ा, जिसे रिपोर्ट में ब्रिटेन के सरकारी संचार मुख्यालय (GCHQ) के रूप में पहचाना गया है। यह एजेंसी ब्रिटेन की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे अक्सर देश का श्रवण केंद्र कहा जाता है।


डॉक्यूमेंट्री में बताया गया है कि कॉलों में तीन व्यक्तियों का जिक्र था, जिनमें से एक हरदीप सिंह निज्जर था। यह खुफिया जानकारी ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच साझा की गई थी, जो फाइव आइज नेटवर्क के तहत आती है।


यूके से मिली महत्वपूर्ण जानकारी

रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2023 के अंत में निज्जर मामले में कनाडा को महत्वपूर्ण जानकारी मिली, जब यूके को कुछ खास जानकारियाँ प्राप्त हुईं। हालांकि, इन इंटरसेप्ट्स को बहुत सख्त शर्तों पर साझा किया गया था। दावा किया गया है कि इस फाइल को किसी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में अपलोड नहीं किया गया और केवल लंदन द्वारा चुने गए कुछ कनाडाई अधिकारियों को ही इसे देखने की अनुमति थी।


डॉक्यूमेंट्री में यह भी कहा गया है कि यह फाइल उन व्यक्तियों की बातचीत का सारांश थी, जिन पर भारत सरकार से जुड़े होने का संदेह था। बातचीत में निज्जर, अवतार सिंह खंडा और गुरपतवंत सिंह पन्नू का उल्लेख किया गया था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि बाद की बातचीत में निज्जर की हत्या के तरीके पर चर्चा हुई।


खंडा की संदिग्ध मौत

अवतार सिंह खंडा की जून 2023 में बर्मिंघम के एक अस्पताल में रक्त कैंसर से मृत्यु हो गई। ब्रिटिश अधिकारियों ने उनकी मौत को प्राकृतिक बताया, लेकिन कुछ समूहों ने इसे संदिग्ध करार दिया। अब डॉक्यूमेंट्री के बाद इस मामले पर नई बहस छिड़ गई है। सिख फेडरेशन यूके ने सुरक्षा मंत्री डैन जार्विस को पत्र लिखकर पूछा कि सरकार ने जुलाई 2023 की खुफिया जानकारी संसद में सवाल उठाए जाने पर क्यों साझा नहीं की।


पन्नू का साक्षात्कार

डॉक्यूमेंट्री में अमेरिका में रहने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नू का साक्षात्कार भी दिखाया गया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार खतरा महसूस होता है। पन्नू को भारत ने पहले ही आतंकवादी घोषित कर रखा है। भारत ने कनाडा और पश्चिमी मीडिया के इन आरोपों को बेतुका और राजनीतिक लाभ के लिए भारत की छवि को खराब करने की कोशिश बताया है।


कूटनीतिक संकट की स्थिति

निज्जर की हत्या के बाद, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में भारत के खिलाफ विश्वसनीय आरोपों का उल्लेख किया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव उत्पन्न हुआ। अक्टूबर 2024 में भारत ने अपने उच्चायुक्त समेत कई राजनयिकों को वापस बुला लिया और कनाडाई अधिकारियों को निष्कासित किया।


हालांकि, अप्रैल 2025 में कनाडा में नए नेतृत्व के आने के बाद संबंधों में सुधार होने लगा। जून में जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात ने दोनों देशों के बीच संवाद की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया। अगस्त तक, दोनों देशों ने नई राजनयिक तैनातियाँ भी कर दीं।