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IMF से पाकिस्तान को मिली राहत: क्या है इसके पीछे की कहानी?

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के ऋण पैकेज के तहत 1 अरब डॉलर की सहायता प्रदान की है। यह निर्णय पाकिस्तान की वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है। हालांकि, भारत ने IMF से पाकिस्तान को दी जा रही सहायता की पुनः समीक्षा की मांग की है, खासकर जम्मू-कश्मीर में हालिया आतंकी हमले के बाद। इस बीच, सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण ड्रोन हमलों की घटनाएं भी बढ़ गई हैं।
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IMF से पाकिस्तान को मिली राहत: क्या है इसके पीछे की कहानी?

पाकिस्तान को IMF से मिली बड़ी राहत

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के आर्थिक पुनर्गठन कार्यक्रम के तहत महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है। शुक्रवार को पाकिस्तान सरकार ने यह जानकारी दी कि IMF ने 7 अरब डॉलर के ऋण पैकेज की पहली समीक्षा को मंजूरी दे दी है, जिससे पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर की अगली किस्त प्राप्त होगी। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान गंभीर विदेशी मुद्रा संकट और आंतरिक वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है।


प्रधानमंत्री का स्वागत

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे देश की वित्तीय स्थिरता के लिए एक "महत्वपूर्ण उपलब्धि" बताया। उनके कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि यह निर्णय पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों और सुधारों पर विश्वास की पुष्टि करता है। हालांकि, IMF की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।


दीर्घकालिक स्थिरता पर चर्चा

IMF बोर्ड ने इस समीक्षा के साथ-साथ 1.3 अरब डॉलर के अतिरिक्त स्थिरता ऋण पर भी चर्चा की। यह नया ऋण दो वर्षों से अधिक की अवधि के लिए प्रस्तावित किया गया है, ताकि पाकिस्तान अपनी आर्थिक कमजोरियों से उबर सके और दीर्घकालिक सुधार कर सके।


भारत की आपत्ति

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत ने IMF से अनुरोध किया है कि वह पाकिस्तान को दिए जा रहे ऋणों की पुनः समीक्षा करे। अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के बाद भारत ने IMF से इस मुद्दे पर चिंता जताई थी। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी और इसके बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ गया।


भारत का कहना है कि IMF द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता में राजनीतिक विचारधारा हावी रहती है। IMF की एक रिपोर्ट में भी यह उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान बार-बार बेलआउट पैकेज लेने के कारण भारी ऋण भार से दबा हुआ है, जिससे वह IMF का एक बड़ा देनदार बन चुका है।


सीमा पर तनाव और ड्रोन हमले

इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है। दोनों देशों ने शुक्रवार की रात को ड्रोन और तोपखाने के हमलों को लेकर एक-दूसरे को दोषी ठहराया। इन हमलों के कारण सीमावर्ती गांवों और पर्यटक स्थलों से लोगों का पलायन शुरू हो गया है।


पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन हमलों में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के लगभग 20 स्थानों को निशाना बनाया गया। भारत ने अवंतीपोरा स्थित एयरफोर्स बेस को निशाना बनाने की कोशिश को विफल कर दिया। इसके अलावा जम्मू, सांबा, राजौरी, पठानकोट, जैसलमेर और पोखरण जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भी ड्रोन की गतिविधि देखी गई।