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पूर्व CJI धनंजय चंद्रचूड़ का सरकारी आवास खाली करने का मामला: स्वास्थ्य कारणों का हवाला

पूर्व मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ ने अपने सरकारी आवास को खाली करने में देरी का कारण अपने परिवार की स्वास्थ्य समस्याओं को बताया है। उनकी बेटियों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते वे अभी भी बंगले में रह रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें आवास खाली करने का निर्देश दिया है, लेकिन चंद्रचूड़ ने कहा है कि वे जल्द ही इसे खाली कर देंगे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और चंद्रचूड़ के स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बारे में।
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पूर्व CJI धनंजय चंद्रचूड़ का सरकारी आवास खाली करने का मामला: स्वास्थ्य कारणों का हवाला

सरकारी आवास को खाली करने का निर्देश

सर्वोच्च न्यायालय के प्रशासन ने केंद्र सरकार को एक पत्र भेजकर पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) धनंजय वाई चंद्रचूड़ से उनके सरकारी आवास को खाली करने का आदेश दिया है। चंद्रचूड़ ने इस देरी का कारण अपने परिवार की विशेष आवश्यकताओं से जोड़ा है। उन्होंने बताया कि उनकी दो बेटियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिसके चलते वे अभी भी सरकारी आवास में निवास कर रहे हैं।


परिवार की स्वास्थ्य समस्याएं

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि उनकी बेटियों को "गंभीर सह-रुग्णताएं और आनुवंशिक समस्याएं" हैं, जिनमें से एक को नेमालाइन मायोपैथी नामक दुर्लभ बीमारी है। इसके इलाज के लिए वे एम्स के विशेषज्ञों से नियमित उपचार ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपयुक्त आवास खोजने में समय लग रहा है, जिससे बंगला खाली करने में देरी हुई है। इसे उन्होंने "व्यक्तिगत मामला" बताया और कहा कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों और अधिकारियों से भी चर्चा की गई है।


जल्द ही बंगला खाली करने का आश्वासन

धनंजय चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि वे सर्वोच्च न्यायालय में अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और जल्द ही बंगला खाली कर देंगे। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को सेवानिवृत्ति के बाद व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए आवास में अतिरिक्त समय देने की परंपरा रही है।


सुप्रीम कोर्ट का पत्र

सुप्रीम कोर्ट ने आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) को 1 जुलाई 2025 को भेजे गए पत्र में लुटियंस दिल्ली के कृष्ण मेनन मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 5 को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया है। यह बंगला पूर्व CJI धनंजय चंद्रचूड़ के नाम आवंटित था।


हालांकि, चंद्रचूड़ ने आठ महीने पहले सेवानिवृत्ति ली थी, लेकिन वे अभी भी इस बंगले में निवास कर रहे हैं। इसके विपरीत, उनके दो उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति भूषण आर गवई ने अपने-अपने आवासों में रहने का विकल्प चुना है।


बंगले में रहने की अवधि बढ़ाने का अनुरोध

चंद्रचूड़ ने 18 दिसंबर 2024 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना को पत्र लिखकर बंगले में रहने की अवधि 30 अप्रैल 2025 तक बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसका कारण तुगलक रोड पर उनके नव आवंटित बंगले नंबर 14 में जीआरएपी-IV के तहत प्रदूषण नियंत्रण नियमों के कारण नवीकरण कार्य में देरी थी।


मुख्य न्यायाधीश ने इस अनुरोध को मंजूरी दी थी और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने मासिक लाइसेंस शुल्क 5,430 रुपये बनाए रखने की अनुमति दी। इसके बाद चंद्रचूड़ ने 31 मई 2025 तक रहने की मौखिक अनुमति भी मांगी, जिसे शर्त के साथ मंजूर किया गया था कि कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा।