उत्तराखंड : 56 वर्ष बाद शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर तीन अक्टूबर काे पहुंचेगा पैतृक गांव, बर्फ में सुरक्षित था शव
- युसेना के हेलीकाप्टर से गौचर पहुंचा शव, सेना के जवानों ने दिया गार्द आफ आनर
- वर्ष 1968 में हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में क्रैश हुआ था वायुसेना का विमान
गोपेश्वर, 02 अक्टूबर (हि.स.)। वर्ष 1968 में हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे में वायुसेना के विमान दुर्घटना में शहीद चमोली जिले के थराली ब्लाक अंतर्गत कोलपुडी गांव निवासी नारायण सिंह बिष्ट के पार्थिव शरीर को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से बुधवार को गौचर हवाई पट्टी लाया गया, जहां से उन्हें भारतीय सेना की निगरानी में रूद्रप्रयाग ले जाया गया। शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर तीन अक्टूबर गुरुवार को उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा।
भारतीय सेना के अनुसार सात फरवरी 1968 में 102 क्रू मेंबरों को ले जा रहा हेलीकाप्टर चंडीगढ़ से उड़ान भरने के बाद हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे के ढाका ग्लेशियर में क्रैश हो गया था। इसमें चमोली जनपद के कोलपुड़ी गांव निवासी 404 मिडयम बटालियन के सिपाही नारायण सिंह भी शहीद हो गए थे। सेना के मुताबिक 56 साल बाद हिमाचल प्रदेश के लाहुल और स्पीति जिले के बटाल के पास चंद्रभागा रेंज की चोटी से चार शव बरामद हुए हैं। इनमें चमोली जिले के थराली के कोलपुड़ी निवासी सिपाही नारायण सिंह का भी शव बरामद हुआ है। बुधवार को वायुसेना के हेलीकॉप्टर से गौचर हवाई पट्टी पर शव लाकर सेना के जवानों ने गार्द आफ आनर दिया।
वहीं सेना के अधिकारियों और पूर्व सैनिकों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात नारायण सिंह के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस के माध्यम से रुद्रप्रयाग ले जाया गया, जहां उनके पार्थिव शरीर को सेना की निगरानी में मोर्चरी में रखा जाएगा। तीन अक्टूबर गुरुवार को संस्कार से पूर्व उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए उनके गांव ले जाया जाएगा। इस दाैरान भारतीय सेना के अधिकारियों के अलावा पूर्व सैनिक बीरपाल सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह कनवासी, खुशहाल सिंह नेगी, सुरेंद्र कुमार, जगमोहन सिंह आदि ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल